27 March 2021 Current affairs

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020

● हाल ही में एक संसदीय समिति द्वारा उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

प्रमुख अनुशंसाए

● सरकार को अनुचित व्यापार प्रक्रियाओं को अधिक स्पष्ट रूप में परिभाषित करना चाहिए।
● सरकार को इस मुद्दे से निपटने के लिए एक व्यावहारिक कानूनी उपाय निर्धारित करना चाहिए।
● ई-कॉमर्स फर्मों द्वारा लगाए गए वितरण शुल्क पर एक सीमा निर्धारण की जानी चाहिए।
● भ्रामक सूचना के नियमों के उल्लंघन करने पर दंडात्मक प्रावधान करना चाहिए।
● उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को व्यस्ततम समय (Peak Hours) में सेवाओं की डिलीवरी चार्ज पर उच्चतम सीमा निर्धारित करनी चाहिए।
● मंत्रालय को ड्रिप मूल्य निर्धारण को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए जिसमें उत्पाद की अंतिम लागत अतिरिक्त शुल्क के कारण बढ़ जाती है।

महत्वपूर्ण तथ्य

● उपभोक्ता संरक्षण (ई-कामर्स) अधिनियम 2020 नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत अनुसूचित किए गए किए गए हैं।
● उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 में अनिवार्य है अर्थात बाध्यकारी क़ानून है।

संविधान (125 वां संशोधन) विधेयक 2018

● हाल ही में गृह मंत्रालय ने लोकसभा को यह सूचित किया है कि फिलहाल असम (संविधान की छठवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाला राज्य) में पंचायती राज प्रणाली को लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

प्रस्तावित संशोधन

● यह ग्राम और नगर पालिका परिषद को जिला और क्षेत्रीय परिषदों के साथ जोड़ने का प्रावधान करता है।
● जिला परिषद विभिन्न मुद्दों पर कानून बना सकती है जिसमें-
० गठित ग्राम और नगर पालिका परिषदों की संख्या एवं संरचना
० चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन
० ग्राम एवं नगर पालिका परिषद की शक्तियां एवं कार्य आदि।

● ग्राम एवं नगर पालिका परिषदों की शक्तियों और उत्तरदायित्व के हस्तांतरण संबंधी नियम राज्यपाल द्वारा बनाए जा सकते हैं।

इस तरह के नियम निम्नलिखित संबंध में बनाए जा सकते हैं-
० आर्थिक विकास के लिए
० भूमि सुधारों का कार्यान्वयन
० शहरी एवं नगर नियोजन
० भूमि उपयोग का विनियमन

सीबीएसई की ‘मूल्यांकन रूपरेखा’

हाल ही में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा ‘ब्रिटिश काउंसिल’ के सहयोग से, कक्षा 6-10 के एक लिए अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों हेतु एक नई मूल्यांकन रूपरेखा (assessment framework) शुरू की गई है।
यह रूपरेखा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘मूल्यांकन में वैश्विक स्तर हासिल करने संबंधी’ परिकल्पना के अनुरूप है।

प्रमुख तथ्य:

  • यह रूपरेखा, ‘वर्तमान रट कर सीखने वाले प्रतिदर्श (rote learning model) को प्रतिस्थापित करेगी तथा दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक दक्षताओं के आधार पर छात्रों का आकलन करने पर ध्यान केंद्रित करेगी’।
  • प्रणाली के तहत, शिक्षकों के लिए इन विषयों में छात्रों की पाठ्य पुस्तक के अंशो को याद करने की क्षमता-परीक्षण करने के बजाय, उनकी वास्तविक योग्यता का परीक्षण करने के लिए प्रश्न-पत्र तथा अन्य मूल्यांकन विधियों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • पहले चरण में, यह रूपरेखा, चंडीगढ़ के चुनिंदा केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों, सीबीएसई के विद्यालयों और कुछ निजी विद्यालयों में लागू की जाएगी।
  • वर्ष 2024 तक, यह रूपरेखा देश भर के 1.32 लाख शिक्षकों और दो करोड़ छात्रों वाले 25,000 सीबीएसई स्कूलों में शुरू हो जाएगी।

जनजातीय टीबी पहल ‘


चर्चा में क्यों
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ” टीबी मुक्त भारत ” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ” जनजातीय टीबी पहल ” की शुरुआत की ।

तथ्य
• स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी घोषणा की है कि लक्षद्वीप और जम्मू और कश्मीर के जिले टीबी मुक्त हो गए हैं ।
• मंत्री ने कहा है कि सरकार टीबी के मुफ्त इलाज और देखभाल के लिए प्रतिबद्ध है ।
• दुनिया के टीबी के 30 % मामलों में भारत का योगदान है । • भारत में टीबी और एमडीआर टीबी दोनों का सबसे ज्यादा बोझ है ।
• भारत ने पिछले पांच वर्षों में टीबी के लिए बजट आवंटन में चार गुना वृद्धि की है ।
• क्षयरोग ( टीबी ) हवा के माध्यम से फैलता है और आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है लेकिन शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है ।
टीबी के उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई पहल
• मार्च 2017 में , भारत सरकार ने 2025 तक क्षयरोग ( टीबी ) को खत्म करने का लक्ष्य रखा ।
• 2018 में सरकार ने टीबी रोगियों के लिए पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए निक्षय पोषण योजना शुरू की ।
• 2019 में , सरकार ने ‘ टीबी हरेगा देश जीतेगा ‘ अभियान शुरू किया ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल और संबद्ध पेशेवर आयोग विधेयक 2021

● विधेयक में स्वास्थ्य संबंधी पेशेवर के लिए, किसी भी रोग, बीमारी, जख्म या असमर्थता के निदान और उपचार में सहायता के लिए एक सहयोगी तकनीशियन या शिल्प विज्ञानी के रूप में परिभाषित किया गया है। इस विधेयक के तहत इस प्रकार के पेशेवरों के पास संबंधित क्षेत्र में कोई डिप्लोमा या डिग्री होना अनिवार्य होगा।
● विधेयक में उल्लेखित स्वास्थ्य देखभाल और संबद्ध पेशों में जीवन विज्ञान, आघात व जले हुए मरीजों की देखभाल सर्जिकल एवं एनेस्थीसिया से संबंधित तकनीकों, फिजियोथेरेपिस्ट एवं पोषण विज्ञान के क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों को शामिल किया गया है।

महत्त्व

● यह कानून स्वास्थ्य देखभाल और संबद्ध पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि करेगा तथा उनके मूल्यवान कार्यों को गरिमा प्रदान करेगा।
● साथ ही देश में अहर्ता प्राप्त स्वास्थ्य देखभाल पर पेशेवरों की अत्यधिक मांग है और यह कानून आम जनता को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

विश्व रंगमंच दिवस


सन्दर्भ
• विश्व रंगमंच दिवस हर साल 27 मार्च को मनाया जाता है ।
• अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान ( आईटीआई ) ने 1961 में विश्व रंगमंच दिवस की शुरुआत की ।
• आईटीआई केंद्रों और अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समुदाय द्वारा 1962 से विश्व रंगमंच दिवस मनाया जा रहा है ।
• इस अवसर को चिह्नित करने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिएटर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ।
• पहला विश्व रंगमंच दिवस अंतर्राष्ट्रीय संदेश जीन कॉक्ट्यू ( फ्रांस ) द्वारा 1962 में लिखा गया था ।

पुस्तक ” माय एक्सपेरिमेंट्स विद साइलेंस “


सन्दर्भ
अभिनेता समीर सोनी वर्तमान में अपनी पहली पुस्तक ” माय एक्सपेरिमेंट्स विद साइलेंस ” लिख रहे हैं ।
तथ्य
• यह इस साल के अंत में रिलीज होगी ।
• इसे ओएम बुक्स इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित किया जाएगा ।
• इस पुस्तक में , उन्होंने चिंता और आत्म – खोज पर अपने कुछ ” अंधेरे , सबसे गहन और आत्मनिरीक्षण विचारों ” को लिखा है ।
• उन्होंने चिंता और डिप्रेशन से निपटने में अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बताया है ।
• समीर सोनी ने कई फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई है ।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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