26 April 2021 Current Affairs

नेट ज़ीरो प्रोड्यूसर्स फोरम ‘ 

सन्दर्भ

सऊदी अरब , दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा निर्यातक , जलवायु परिवर्तन पर बने ‘ नेट ज़ीरो प्रोड्यूसर्स फोरम ‘ में शामिल होगा ।

तथ्य

  •  सऊदी अरब , संयुक्त राज्य अमेरिका , कनाडा , नॉर्वे और कतर तेल और गैस उत्पादकों के लिए एक नया मंच बनाएंगे । 
  • इस मंच का मुख्य उद्देश्य यह चर्चा करना है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के कार्यान्वयन में वे एक – दूसरे का सहयोग कैसे करेंगे । 
  • इस मंच में , सदस्य देश 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे । 
  • यह मंच स्वच्छ – ऊर्जा और कार्बन भंडारण प्रौद्योगिकियों के विकास और तैनाती के तरीकों और उन्नत परिपत्र कार्बन अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण पर भी चर्चा करेगा । 
  • सऊदी अरब ने 2030 तक अपनी ऊर्जा का 50 % नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित करने का लक्ष्य रखा है ।
  •  अमेरिका 2005 के स्तर से उत्सर्जन में 50 % -52 % की कटौती करेगा ।

सऊदी अरब 

  •  यह पश्चिमी एशिया का एक देश है , जो अरब प्रायद्वीप में फैला हुआ है ।
  •  इसकी राजधानी रियाद है , और मुद्रा सऊदी रियाल है ।
  •  मोहम्मद बिन सलमान क्राउन प्रिंस हैं और सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद सऊदी अरब के राजा हैं ।

विश्व बौद्धिक संपदा दिवस

सन्दर्भ

   हर साल 26 अप्रैल को विश्व स्तर पर World Intellectual Property Day यानि विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जाता है।

   तथ्य

  •  इस दिन की शुरुआत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा साल 2000 में  दुनिया भर में “नवाचार और रचनामकता को बढ़ावा देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों  पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिज़ाइन की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने और रोजमर्रा के जीवन पर रचनाकारों द्वारा समाज के विकास में किए गए योगदान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का इतिहास 

  • WIPO द्वारा 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाए जाने की घोषणा, 1970 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना के लिए हुए कन्वेंशन को चिन्हित करने के लिए की गई थी।

     महत्वपूर्ण तथ्य 

  • विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
  • विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के सीईओ: डैरन टैंग

नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण-2021

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण-2021’ का आयोजन हुआ है। 

     प्रमुख बिन्दु

  • 19वां संस्करण।
  •  25 अप्रैल से लेकर 27 अप्रैल, 2021 तक
  •  अरब सागर में आयोजित 

    उद्देश्य

  • दोनों देशों की नौसेनाएँ इस अभ्यास में एक एकीकृत बल के रूप में अपने युद्ध कौशल क्षमता को बढ़ाएँगी।
  •  जिससे समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके।

वरुण नौसैन्य अभ्यास के बारे मे

  • इस नौसैन्य अभ्यास को पहली बार 1983 में शुरू किया गया था।
  • 2001 में इसे वरुण (VARUNA) नाम दिया गया ।
  • भारत और फ्रांस की नौसेनाएँ इसका आयोजन प्रतिवर्ष करती हैं।
  • 21 वीं शताब्दी में वरुण नौसेना अभ्यास, फ्रांस-भारत के रणनीतिक संबंधों का एक अभिन्न अंग है।
  •  हिंद महासागर या भूमध्य सागर में आयोजित किया जाता है।
  • उद्देश्य इंडो-फ्रेंच सैन्य समन्वय में सुधार करना है।

     ‘वाईराफिन’ 

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारत सरकार के औषधि नियन्त्रण महानिदेशक ने कोरोना संक्रमितों के उपचार हेतु ‘वाईराफिन’ के सीमित उपयोग की स्वीकृति दी है।

      प्रमुख बिन्दु

  •  जाईडस कैडिला द्वारा निर्मित ‘वाईराफिन’(Virafin) के सीमित उपयोग की आपात स्वीकृति दे दी है I
  •  वाईराफिन को दी गई आपात स्वीकृति इस दिशा में एक नया पड़ाव है जो चिकित्सा सुविधा प्रदाताओं के लिए एक वरदान है।

    ‘वाईराफिन’(Virafin)

  • वाईराफिन, एक पैगाइलेटेड इन्टरफेरोन अल्फ़ा-2बी [pegylated interferon alpha-2b(PegIFN)] है ।
  • जिसे कोरोना संक्रमित रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है, जिससे वे अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो जाते हैं I
  • यह कोविड-19 महामारी से संबन्धित अनुसंधान को बढ़ावा देता है।

   जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसन्धान सहायता 

  • भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के अंतर्गत आती है।
  • बीआईआरएसी, भारत सरकार द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी उद्यम है।
  • जैव-प्रौद्योगिकी उद्यमों को अनुसंधान में मदद करती है।
  • यह भारत में नवाचार को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए एक इंटरफेस एजेंसी के रूप में भी कार्य करती है।

एल्युमिनियम स्क्रैप की रीसाइक्लिंग हेतु नई तकनीक 

    चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा एल्युमिनियम स्क्रैप (Aluminium scraps) को रीसाइक्लिंग करने के लिए कम लागत वाली एक नई व कुशल तकनीक विकसित की गई है।

    प्रमुख बिन्दु

  • श्री रामकृष्ण इंजीनियरिंग कॉलेज (कोयम्बटूर) और सीएसआईआर-एनआईआईए (त्रिवेंद्रम) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने द्बारा विकसित।

    उपयोग व लाभ

  •  कुटीर उद्योग, लघु उद्योग और एमएसएमई एल्यूमीनियम ढलाई और रीसाइक्लिंग उद्योगों में 
  • इस तकनीक से रीसाइक्लिंग करने पर मेटेरियल का भी कम नुकसान होता है।
  •  शुद्धता और गुणवत्ता बढ़ जाएगी।

   एल्युमिनियम (Aluminium)

  • एल्युमिनियम, एक रासायनिक तत्व है  प्रतीक ‘Al’ और परमाणु संख्या 13 है।
  • एल्युमीनियम का घनत्व अन्य धातुओं की तुलना में काफी कम होता है।
  • भारत में एल्युमिनियम को बाक्साइड नामक खनिज से निष्कर्षित किया जाता है।

 कंपनियाँ 

  • नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको)
  • हिंदुस्तान एल्युमिनियम कॉपोरेशन लिमिटेड (हिंडालको)
  • वेदांता समूह
  • भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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