पर्यावरण कानून : राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय

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                        (घेरना)               ( चतुर्दिशा )

         भारत ऐसा पहला देश है जिसने अपने संविधान में पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी प्रावधान किया इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 48 (क) और अनुच्छेद 51 (क) मेंं किया गया।

     अनुच्छेद 48 ( क)  :- पर्यावरण की रक्षा एवं उसमें सुधार करना।

     अनुच्छेद 51 (क) :- वनों, झीलों, नदियों तथा वन्य जीवो सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा।

    भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची

   संघ सूची – उद्योग, खदानों विकास, खनिज विकास, मछली पकड़ना।

  राज्य सूची – जन स्वास्थ्य, सफाई, कृषि, भूमि सिंचाई, नहर जल विकास।

  समवर्ती सूची – वन, वन्याजीवन, पक्षियों की रक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, परिवार नियोजन।

           पर्यावरण कानून

  1- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986

  •   संयुक्त राष्ट्र का प्रथम मानव पर्यावरण सम्मेलन 5 जून 1972 में स्टॉकहोम में संपन्न हुआ।
  •    इसी से प्रभावित होकर भारत ने पर्यावरण के संरक्षण के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 पारित की
  • इस अधिनियम में 26 धाराएं हैं जिन्हें 4 अध्याय में बांटा गया है।
  • यह कानून पूरे देश में :- 19 नवंबर 1946

2-वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972

          1972 में स्टॉकहोम कॉन्फ्रेंस में उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत सरकार ने प्रभावी ढंग से देश के वन्य जीव की रक्षा और तस्करी,अवैध शिकार और वन्य जीव में अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 को अधिनियमित किया गया।

       इस अधिनियम में कुल 7 अध्याय 66 धाराएं व 6 अनुसूचियां है।

  3- वन अधिकार अधिनियम, 2006

  • वन अधिकार अधिनियम, 2054 संबंधित नियमों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
  • यह कानून जंगलों में रह रहे लोगों के भूमि तथा प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार से जुड़ा हुआ है।
  • यह कानून पूरे देश में – 18 दिसंबर 2006

  4पृथ्वी सम्मेलन, 1992

        स्टॉकहोम सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 3-14 जून 1992 को ब्राजील के रियो डी जनेरियो शहर में पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

   इसका आधिकारिक नाम – पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन है।

  उद्देश्य –

      ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत का क्षय , वन विनाश, जैव विविधता विनाश, मौसम एवं जलवायु परिवर्तन अम्ल वर्षा आदि।

5- जैव विविधता संरक्षण अधिनियम, 2002

  • भारत विश्व में जैव विविधता के स्तर पर 12वीं स्थान पर है
  • अकेले भारत में लगभग 45000 पेड़ पौधे व 81000 जानवरों की प्रजाति पाई जाती है जो विश्व की लगभग 7.1 वनस्पतियों तथा 6% जानवरों की प्रजाति में से है।

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