19 May 2021 Current Affairs

जेल की भीड़भाड़ संबंधी समस्या

हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने कोविड-19 महामारी की अनियंत्रित वृद्धि को देखते हुए पात्र कैदियों की अंतरिम रिहाई का आदेश दिया है।

न्यायालय के इस आदेश का उद्देश्य जेलों में भीड़ कम करना और कैदियों के जीवन तथा स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करना है।

प्रमुख बिंदु

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुख्य बिंदु:

न्यायालय ने अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (Arnesh Kumar vs State of Bihar) 2014 मामले में निर्धारित मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस मामले के तहत न्यायालय ने पुलिस को अनावश्यक गिरफ्तारी नहीं करने के लिये कहा था, खासकर उन मामलों में जिनमें सात वर्ष से कम जेल की सजा होती है।

देश के सभी ज़िलों के अधिकारी आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure- Cr.P.C) की धारा 436ए को प्रभावी ढंग से लागू करेंगे।
Cr.P.C की धारा 436A के तहत अपराध के लिये निर्धारित अधिकतम जेल अवधि का आधा समय पूरा करने वाले विचाराधीन कैदियों को व्यक्तिगत गारंटी पर रिहा किया जा सकता है।
न्यायालय ने जेलों में भीड़भाड़ से बचने के लिये दोषियों को उनके घरों में नज़रबंद रखने पर विचार करने के लिये विधायिका को सुझाव दिया है।

वर्ष 2019 में जेलों में कैदियों के रहने की दर बढ़कर 118.5% हो गई थी। इसके अलावा जेलों के रखरखाव के लिये बजट की एक बहुत बड़ी राशि का उपयोग किया जाता है।
सभी राज्यों को एक निश्चित अवधि के लिये जमानत या पैरोल पर रिहा किये जा सकने वाले कैदियों की श्रेणी का निर्धारण करने हेतु निवारक कदम उठाने के साथ-साथ उच्चाधिकार प्राप्त समितियों का गठन करने का आदेश दिया गया।

भारतीय जेलों की स्थिति:

भारतीय जेलों को लंबे समय से चली आ रही तीन संरचनात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है:
अतिरिक्त भीड़
स्टाफ और फंडिंग में कमी और
हिंसक संघर्ष
वर्ष 2019 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित ‘प्रिज़न स्टैटिस्टिक्स इंडिया’ 2016 में भारत में कैदियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला गया है।
विचाराधीन जनसंख्या: भारत की विचाराधीन कैदियों की आबादी दुनिया में सबसे अधिक है और वर्ष 2016 में सभी विचाराधीन कैदियों में से आधे से अधिक को छह महीने से भी कम समय के लिये हिरासत में लिया गया था।

निवारक हिरासत में रखे गए लोग: जम्मू और कश्मीर में प्रशासनिक (या ‘निवारक’) निरोध कानूनों के तहत पकड़े गए लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।

C.R.P.C की धारा 436A के बारे में अनभिज्ञता: आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए के तहत रिहा होने के योग्य और वास्तव में रिहा किये गए कैदियों की संख्या के बीच अंतर स्पष्ट किया गया है।

जेल में अप्राकृतिक मौतें: जेलों में “अप्राकृतिक” मौतों की संख्या वर्ष 2015 और 2016 के बीच 115 से बढ़कर 231 हो गई है।

मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी: वर्ष 2016 में प्रत्येक 21,650 कैदियों पर केवल एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर मौजूद था, वहीं केवल छह राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में मनोवैज्ञानिक/मनोचिकित्सक मौजूद थे।

स्वामी फंड

हाल ही में भारत सरकार ने सस्ते और मध्यम आय वाले आवासों (Special Window for Affordable & Mid-Income Housing- SWAMIH) के लिये विशेष विंडो के माध्यम से अपनी पहली आवासीय परियोजना पूरी की।

उपनगर मुंबई में स्थित आवासीय परियोजना, रिवाली पार्क, भारत की पहली ऐसी आवासीय परियोजना थी जिसे स्वामी फंड के तहत धन प्राप्त हुआ था।

स्वामी फंड के बारे में:

  • यह सरकार समर्थित फंड है जिसे सेबी के साथ पंजीकृत श्रेणी- II AIF (वैकल्पिक निवेश कोष) ऋण फंड के रूप में स्थापित किया गया था, इसे वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था।
  • स्वामी इन्वेस्टमेंट फंड (SWAMIH Investment Fund) का गठन RERA-पंजीकृत किफायती और मध्यम आय वर्ग की आवास परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने के लिये किया गया था, जो धन की कमी के कारण रुकी हुई है।
  • फंड का निवेश प्रबंधक SBICAP वेंचर्स (SBICAP Ventures) है जो कि SBI कैपिटल मार्केट्स के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
  • SBI कैपिटल मार्केट्स, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
  • भारत सरकार की ओर से कोष का प्रायोजक वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग का सचिव है।

रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण शुरुआत:
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) 2016 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो 1 मई, 2017 से पूरी तरह से लागू हुआ।
अधिनियम ने रियल एस्टेट क्षेत्र के नियमन के लिये प्रत्येक राज्य में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (Real Estate Regulatory Authority- RERA) की स्थापना की और त्वरित विवाद समाधान के लिये एक निर्णायक निकाय के रूप में भी कार्य करता है।
लक्ष्य:
यह घर-खरीदारों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ रियल एस्टेट की बिक्री/खरीद में दक्षता और पारदर्शिता लाकर रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने में मदद करता है।

भारत और मंगोलिया

चर्चा में क्यों
हाल ही में भारत मंगोलिया के पर्यटन तथा संस्कृति मंत्रालय द्वारा वर्चुअल माध्यम से एक बैठक का आयोजन किया गया था।

बैठक की मुख्य विशेषताएं
• वर्ष 2015 से प्रारंभ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना
• दोनों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान 2023 तक जारी रहेगा।
• वर्ष 2021 में प्रारंभ, तिब्बती बौद्ध धर्म के अध्ययन, हेतु 10 I.C.C.R छात्रवृत्ति आवंटित की जाएगी।
• भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (I.C.C.R ) – भारत सरकार का एक स्वायत्त संगठन है जो विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को स्थापित करता है।

भारत- मंगोलिया संबंध

• ऐतिहासिक संबंध – बौद्ध विरासत
• राजनयिक संबंध – 1955 में भारत ने मंगोलिया की आध्यात्मिक पड़ोसी और रणनीतिक साझेदार घोषित किया।
• act East policy के तहत 2015 में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री ने मंगोलिया की यात्रा की।
• U.N.S.C में सदस्यता के लिए भारत की मंगोलिया का समर्थन प्राप्त है।
• गुटनिरपेक्ष आंदोलन ( NAM) में शामिल होने के लिए मंगोलिया को भारत का समर्थन।
आर्थिक संबंध
• वर्ष 2020 में 35.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार।
• भारत के लाइन आफ क्रेडिट ( LOC ) के तहत मंगोल रिफाइनरी परियोजना।
• रक्षा – नोमैदिक एलीफेंट – युद्धाभ्यास
• पर्यावरणीय – दोनों विश्केक घोषणा के सदस्य हैं।

एयर इंडिया द्वारा ‘जिओलाइट कार्गो उड़ान सेवा’ की शुरुआत

• भारत सरकार द्वारा ऑक्सीजन संयंत्र रूप में उपयोग हेतु विश्व भर से जिओलाइट आयात करने की प्रक्रिया शुरू की जाने की साथ ही, राष्ट्रीय वायुयान कंपनी एयर इंडिया ने जिओलाइट कार्गो उड़ान आरंभ किया है।
• DRDO द्वारा विकसित की जा रही तकनीक में, ऑक्सीजन उत्पादन हेतु दबाव परिवर्तन अधिशोषण प्रक्रिया तथा आण्विक रूप से छनित जिओलाइट का उपयोग किया जाता है।
• जिओलाइट का उपयोग अधिशोषक पदार्थ के रूप में किया जाता है।
• ऑक्सीजन संघकेंद्रक वायुमंडलीय नाइट्रोजन का अधिशोषण करने के लिए जिओलाइट का उपयोग करते हैं, और फिर नाइट्रोजन को बाहर निकाल देते हैं। इसके पश्चात मरीजों के उपयोग में आने वाली ऑक्सीजन गैस शेष बच जाती है।
• उच्च दाब पर जिओलाइट का पृष्टीय तनाव बढ़ जाता है। और इस स्थिति में यह अधिक मात्रा में नाइट्रोजन का अधिशोषण करने में सक्षम होता है।

दबाव परिवर्तन अधिशोषण (PSA) क्या होता है।
• दबाब परिवर्तन अधिशोषण, अधिशोषक सामग्री से समानता तथा गैसीय वर्ग की आणविक विशेषताओं के अनुसार, दबाव के माध्यम से गैसों के मिश्रण से कुछ गैसीय वर्गों को पृथक करने में प्रयुक्त की जाने वाली एक तकनीकी हैं।
जिओलाइट्स क्या है?
• जिओलाइट्स, सूक्ष्मरंध्र युक्त, एलुमिनियम सिलिकेट के ठोस त्रिविमीय क्रिस्टल होते हैं। जिओ लाइट्स में एक निश्चित आकार के सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जिनमें से छोटे अणुु आसानी से गुजर जाते हैं, किंतु बड़े आकार वाले अणु नहीं गुजर पाते , इसी वजह से इनके लिए कभी-कभी आणविक छलनी कहा जाता है।
• जिओलाइट का गलनांक 1000 डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
• यह जल अथवा किसी अन्य अकार्बनिक विलियन में अघुलनशील होते हैं।
• जिओलाइट के निष्क्रिय व प्राकृतिक रूप में पाए जाने के कारण कोई हानिकारक पर्यावरणीय प्रभाव नहीं होता है।

10 सालों में 186 हाथियों की रेल पटरियों पर मौत


• पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार 2009-10 और 2020-21 के मध्य पूरे भारत में ट्रेन की चपेट में आने से 186 हाथियों की मौत हुई है।
• सर्वाधिक मृत्यु असम (62), इसके बाद पश्चिम बंगाल (57) और उड़ीसा (27) में हुई है।
• उत्तर प्रदेश में एक हाथी की मौत हुई थी।

मौतों को रोकने के लिए उपाय
• रेल दुर्घटना से मौतों को रोकने के लिए, रेेल मंत्रालय और MoEFCC के बीच एक स्थाई समन्वय समिति का गठन किया गया।
• लोको पायलटों को स्पष्ट दिखाई देने के लिए रेल पटरियों के किनारे के पेड़ पौधों की सफाई करना, हाथियों के सुरक्षित आवागमन के लिए अंडरपास/ ओवरपास का निर्माण करना, संवेदनशील हिस्सों की नियमित गश्त व पेट्रोलिंग तथा उपयुक्त स्थानों पर चेतावनी बोर्ड का उपयोग करना आदि।

• वर्ष 2010 में हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया गया था।
हाथी परियोजना
• यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 1992 में शुरू किया गया था।
• यह परियोजना मुख्यतः 16 राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वित की जा रही है।
उद्देश्य
• हाथियों के साथ-साथ उनके आवास और गलियारों की रक्षा करना।
• मानव वन्यजीव संघर्ष के मुद्दों की पहचान करना।
• बंदी गृह में कैद हाथियों को मुक्त कराना।

हाथियों की गणना
• हाथी परियोजना के अंतर्गत 5 वर्षों में एक बार गणना की जाती है। पिछली बार गणना वर्ष 2017 में हुई थी।

• हाथियों को प्रकृति का माली ( gardener )
• इसके अनुसार भारत में एशियाई हाथियों की कुल संख्या 27312 है।
• सर्वाधिक हाथी कर्नाटक में इसके बाद असम और केरल में।
• भारत में लगभग 32 हाथी रिजर्व है। झारखंड का सिंहभूम एलिफेंट रिजर्व भारत का पहला हाथी रिजर्व है।
एशियाई हाथियों के संरक्षण की स्थिति
• IUCN रेड लिस्ट – संकटापन्न ( endangered)
• CITES – परिशिष्ट -1
• भारत का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 : अनुसूची -1

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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