17 May 2021 Current affairs

चक्रवात तौकते

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवात है।
  • नामकरण म्यानमार द्वारा जिसका अर्थ है ‘गेको’ एक विशिष्ट मुरतर छिपकली।
  • नामों की सूची की देख – रेख W.M.O द्वारा की जाती है।
  • यह लक्ष्यदीप होते हुए गुजरात की तरफ अग्रसर हो रहा है।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातओं के निर्माण के लिए उत्तरदाई

कारक

  • गर्म एवं आर्द्र वायु की लगातार पूर्ति। (सागरीय तापमान- 27 डिग्री सेंटीग्रेड)
  • कोरियालिस बल।
  • ITCZ की उपस्थिति।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों से पहले कमजोर उष्णकटिबंधीय विक्षोभो की उपस्थिति।
  • धरातलीय चक्रवात के ऊपर 9000-15000 मीटर की ऊंचाई पर प्रतिचक्रवातीय परिसंचरण।
  • संघनन की गुप्त ऊष्मा का उपयुक्त स्रोत।

बसव जयंती

  • 12 वीं सदी के कवि-दार्शनिक और लिंगायत धर्म के संस्थापक संत भगवान बसवन्ना के जन्मदिन पर मनाई जाती है।
  • बसवन्ना दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, कन्नड कवि और समाज सुधारक थे।
  • वासवन्ना ने लैगिक अथवा सामाजिक भेदभाव, अंधविश्वास और रीति-रिवाजों का खंडन किया था।
  • उन्होंने ‘वीरशैव’ (भगवान शिव के कट्टर उपासक) नामक एक नए भक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन की जड़े सातवीं से ग्यारहवीं सदी के दौरान में प्रचलित तमिल भक्ति आंदोलन विशेषकर शैव नयनार परंपराओं में मिलती है।
  • बसवा ने भक्तिमय आराधना पर जोर देते हुए ब्राह्मणों के नेतृत्व में मंदिरों में पूजा और अनुष्ठानों का खंडन किया। इसके स्थान पर प्रतीक रूप में व्यक्तिगत रूप से छोटे शिवलिंग धारण करके शिव की प्रत्यक्ष आराधना करने का संदेश दिया।
  • बसवा के नेतृत्व में चलाए गए शरण आंदोलन ने सभी जातियों को आकर्षित किया।

मंगोलियाई कंजूर (Kanjur) पांडुलिपिया

  • मंगोलियाई भाषा में कंजूर का अर्थ होता है “संक्षिप्त आदेश” जोकि मुख्यतः भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हैं।
  • मंगोलियाई ‘कंजूर’ को तिब्बती भाषा से अनुदित किया गया है। कंजूर की भाषा शास्त्रीय मंगोलियाई है।
  • मंगोलियाई बौद्ध, एक धार्मिक रिवाज के रूप में अपने प्रतिदिन के जीवन में कंजूर की पत्तियों का पाठ करते हैं तथा मंदिरों में पूजा करते हैं।

राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM)

  • इसकी शुरुआत भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा फरवरी 2003 में की गई थी।
  • इसका कार्य पांडुलिपियों में संरक्षित ज्ञान के दस्तावेजीकरण, संरक्षण एवं प्रसार करना है।

विश्व कृषि पर्यटन दिवस

  • 16 मई को मनाया जाता है ।
  •  यह ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं में विविधता लाने और स्थिर करने की क्षमता के रूप में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है । 
  •  यह पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्र की ओर आकर्षित करने में मदद करेगा , जिससे ग्रामीण लोगों की आय में वृद्धि होगी । 
  • 14 वें विश्व कृषि – पर्यटन दिवस के अवसर पर , पर्यटन विभाग , महाराष्ट्र सरकार कृषि पर्यटन पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है । 
  • सरकार कृषि – पर्यटन पहल को ग्रामीण आर्थिक विकास के लिए प्रोत्साहित कर रही है ।

प्रधानमंत्री किसान योजना

  • इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को ₹6000 प्रति वर्ष दिया जाता है। जो चार चार महीने की अवधि में ₹2000 की तीन किस्तों में दिया जाता है।
  • योजना के लिए पत्र किसानों को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा चिन्हित किया जाता है।
  • इस योजना के अंतर्गत कृषि योग्य भूमि जोत की सीमा को पिछले साल हटा दिया गया जो पहले 2 हेक्टेयर थी।
  • पिछले आकलन में, आयकर दाता, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि जैसे पेशेवर और प्रतिमा ₹10000 से अधिक प्राप्त करने वाले ( एमटीएस/चतुर्थ वर्ग/ग्रुप डी कर्मचारी को छोड़कर) संपन्न किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया।

राज्य द्वारा इस प्रकार के चलाये जा रहे कार्यक्रम

1- भावांतर भुगतान योजना -M.P. (मध्य प्रदेश)
2- रायथु बंधु योजना – तेलंगाना
3- आजीविका और वृद्धि हेतु कृषक सहायता – उड़ीसा

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *