अध्याय -1 भूगोल का क्षेत्र; विज्ञान के वर्गीकरण में इसका स्थान। अध्याय -2 भूगोल की बदलती परिभाषा जर्मन भूगोलवेत्ताओ का योगदान फ्रांसीसी भूगोलवेत्ताओ का योगदान फ्रांसीसी भूगोलवेत्ताओ का योगदान ब्रिटिश भूगोलवेत्ताओ का योगदान अमेरिकी भूगोलवेत्ताओ का योगदान भूगोल में द्वैतवाद आधुनिक भूगोल की प्रवृत्ति एवं उपागम क्षेत्रीय विभेदीकरण की संकल्पना भू-दृश्य की संकल्पना प्रदेश एवं …
आधुनिक भूगोल के विकास में ब्रिटिश भूगोलवेत्ताओं का योगदानजर्मनी व फ्रांस की तुलना में ब्रिटेन में भूगोल का विकास तुलनात्मक रूप में काफी देर से हुआ। मेरी सामर विले तथा फ्रांसिस गार्डन को ब्रिटेन में भूगोल के संस्थापकों में स्थान दिया जाता है।ब्रिटेन में भूगोल के विकास में royal Geography society की महत्वपूर्ण भूमिका रही। …
मानव पर्यावरण के अंर्तसंबंधों पर आधारित संभववाद एक ऐसी विचारधारा है जिसमें मानव को विजेता के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में जब नियतवादी विचारधारा अपने चरम पर थी , तो उसी समय फ्रांसीसी भूगोलवेत्ताओं ने नियतिवाद की आलोचना करते हुए कहा कि मानव प्राकृतिक पर्यावरण का एक घटक ही …
परिचय – स्थलरूप की उत्पत्ति से संबंधित विषय वस्तु भू-आकृतिक विज्ञान के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र बिंदु रहा है।अनेक भू-आकृतिक विज्ञानियों ने स्थलाकृतिक विकास को मॉडलों के द्वारा स्पष्ट करने का प्रयास किया है किंतु आज भी कोई भी मॉडल सर्वमान्य नहीं हो पाया है। स्थलाकृतिक विकास के सिद्धांतों को निम्न वर्गों में रखा …
परिचय • महान के समुद्री शक्ति संकल्पना की आलोचना के जवाब में मैंकिंडर ने अपने हृदय स्थल सिद्धांत का प्रतिपादन किया।उनके अनुसार यूरोप का इतिहास स्थल एवं समुद्री शक्तियों के बीच संघर्ष का प्रतिफल है। • उन्होंने समुद्री शक्ति की तुलना में स्थल शक्ति को अधिक महत्वपूर्ण माना। • इनका यह सिद्धांत ऐतिहासिक भू- स्थानिक …
चिंतनफलक (Paradigms)- थामस कुहन ज्ञान विज्ञान की कोई भी शाखा सामान्यतया एक संकल्पनात्मक सांचे के ढांचे के अंदर कार्य करती है तथा अग्रसर रहती है वह संकल्पनात्मक सांचे का ढांचा ही चिंतनफलक है। बौद्धिक चिंतन, सिद्धांत रचना और प्रविधि चिंतनफलक के महत्वपूर्ण आयाम है जो अंततः दर्शन अथवा वाद के रूप में किसी विषय का …