आधुनिक भौगोलिक अध्ययन में जर्मन भूगोलवेत्ताओं का अग्रणी स्थान रहा है। हम्बोल्ट , रिटर , रैटजेल जैसे महान भूगोलवेत्ता जिन्होंने भूगोल को एक विषय के रूप में पहचान दिलाया वे जर्मनी के ही थे। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि भौगोलिक अध्ययन में जर्मन भूगोलवेत्ताओं के योगदान को जाने बिना हमारा ज्ञान भूगोल …
भौगोलिक चरो के वितरण प्रतिरूप का अध्ययन भूगोल के अध्ययन का एक प्रमुख विषय वस्तु है। वितरण प्रतिरूप को स्पष्ट करने के लिए विभिन्न भौगोलिक तथ्यों का कालिक व स्थानिक अध्ययन किया जाता है। कालिक अध्ययन के अंतर्गत हम भौगोलिक तथ्यो यथा जनसंख्या जलवायु आदि तत्वों का अध्ययन कालिक दृष्टिकोण से करते हैं। इस तरह …
रूसी भूगोलवेत्ता परिचय-रूस विश्व का विशालतम आकार वाला देश है। इसके विभिन्न भागों में प्रकार की भौगोलिक विशेषताएं पायी जाती हैं। इन विविधताओं तथा रूस के विविध क्षेत्रों में स्थित संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग को दृष्टिगत रखते हुए रूस में भूगोल का विकास विज्ञान के रूप में हुआ। रूस के सम्राट पीटर महान एवं उसके …
आलोचनात्मक भूगोल परिचय- मात्रात्मक क्रांति ने भूगोल को एक विषय के रूप में स्थापित करने में तत्कालीन समय में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। किंतु सामाजिक मूल्यों, मानवीय भावनाओं आदि की उपेक्षा किए जाने के कारण इसकी सीमाएं भूगोल के विद्वानों के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी। डेविड हार्वे, डेडले स्टंप आदि भूगोलवेत्ताओ ने …
सन 1939 ईस्वी में हार्टसोर्न ने क्षेत्रीय विभेदन की संकल्पना का अपनी पुस्तक perspective in geography में प्रतिपादित किया।क्षेत्रीय विभेदन का अर्थ रिचर्ड हार्टसोर्न के अनुसार – “क्षेत्रीय विभेदन के अंतर्गत भूत दृश्य को परी घटनाओं के सकेंद्रण के आधार पर बांटना,उनके विशिष्ट लक्षणों का अध्ययन करना तथा समीपवर्ती क्षेत्रों के कारकों का अध्ययन किया …
मानव प्रजातियों के आविर्भाव पर प्रकाश डालिए मानव प्रजातियों का उत्पत्ति एवं विकास एक जटिल प्रक्रिया है। मानव प्रजाति के आविर्भाव के विषय में मानव ज्ञान अभी अधूरा है और विभिन्न मानव शास्त्री इस मुद्दे पर एकमत नहीं है।संसार के विभिन्न भागों में पाई जाने वाली मानव प्रजातियों के वाह्य लक्षणों में पर्याप्त अंतर पाया …