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ढाल

परिचय:-ढाल भू-आकृति का प्रमुख अंग है। इसके आधार पर उच्च वच्च संबंधी विविधताओं का अध्ययन किया जाता है ।स्थल रूपों के निर्माण व विकास को ढाल प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है।इन्हीं मुख्य विशिष्टताओ के कारण भू आकृति में ढालों के अध्ययन पर काफी बल दिया जा रहा है। ढाल के तत्व:-ढाल के विशिष्ट रूपों …

ज्वार भाटा (Tides and Ebb)

परिचय–ज्वार भाटा अन्य महासागरीय गतियो यथाा सागरीय लहरें, महासागरीय जलधारा, सुनामी आदि की तरह एक अत्यंत महत्वपूर्ण महासागरीय गतिविधि है। इसके कारण महासागर का संपूर्ण जल अर्थात महासागरीय सतह से लेकर नितल तक का जल प्रभावित होता है। सूर्य और चंद्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण सागरीय जल के ऊपर उठने तथा आगे बढ़ने को …

लवणता

परिचय–प्रति हजार ग्राम महासागर जल में घुले हुए पदार्थों की मात्रा का संबंध महासागरीय लवणता से है जो वास्तव में घुले हुए पदार्थों की मात्रा एवं महासागरीय जल की मात्रा के अनुपात को प्रदर्शित करता है। इसे %० द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। महासागरीय लवणता- चैलेंजर अन्वेषण के समय डिरमार ने महासागरों में 27 प्रकार …

जैव विविधता

जैव विविधताविस्तृत क्षेत्र के पर्यावरणीय दशाओं में पौधे एवं जंतुओं के समुदायों के जीवो के प्रजाति की विविधता को जैव विविधता कहते हैं। दूसरे शब्दों में जैव विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवो की विविधता से है।जैव विविधता को तीन स्तरों पर देखा जा सकता है।1-प्रजातीय विविधता2-अनुवांशिक विविधता3-पारितंत्रय विविधताअनुवांशिक विविधता– एक प्रजाति …

सतत विकास (sustainable development)

सतत विकास-  “अंतिम वृक्ष को काट लिए जाने के बाद…… अंतिम नदी को विषाक्त करने के बाद…….. अंतिम मछली पकड़ लिए जाने के बाद…… हम पाएंगे कि पैसे को खाया नहीं जा सकता है।” सतत विकास की आवश्यकता को बेहतर ढंग से निरूपित करती यह पंक्तियां यह संदेश देती हैं की आर्थिक प्रगति तभी संपोषणीय …

जलवायु परिवर्तन (climate change)

जलवायु परिवर्तन (Climate change) किसी स्थान के अल्पकालीन वायुमंडलीय दशाओं के औसत को मौसम कहते हैं। परिचय- पृथ्वी के चारों ओर व्याप्त वायुमंडल प्राकृतिक पर्यावरण एवं जैवमंडलीय पारितंत्र एक प्रमुख संघटक है। क्योंकि जैवमंडल में जीवन का अस्तित्व वायुमंडल में निहित गैसों के कारण ही संभव होता है। जलवायु किसी स्थान के लंबे समय के …

पाठ 2. वन एवं वन्य जीव संसाधन

  समीक्षा  वनस्पतिजात – विशेष क्षेत्र जिसमें विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों पाई जाती हैं , जिनकी अपनी विशेषताएँ तथा लाभ है ।   प्राणिजात – विभिन्न प्राणियों का समूह वन – जहाँ विभिन्न प्रकार के पेड़ – पौधे प्राकृतिक रूप से पनप जाते हैं ।   वन्य जीव – वनों में रहने वाले प्राणी ।  पादप जातियाँ – …

पर्यावरण नियोजन एवं प्रबंधन

  परिचय      वर्तमान मानव समाज अपने सभ्यता के विकास क्रम में उच्चतम पैदान पर भले ही पहुंच गया है किंतु उसने भौतिक उन्नति के साथ-साथ अनेक प्रलयकारी आपदाओं को भी आमंत्रण दे दिया है जलवायु परिवर्तन जनित आपदाएं मानव जनित बीमारियां ( कोरोना वायरस) आपदाएं विश्व स्तर पर पर्यावरणीय संकट उत्पन्न कर रही हैं । इन्हीं …

जैव-भू-रसायन चक्र

  जैवमंडल में पोषक तत्वों (ऊर्जा) के संचरण को जैव- भू- रासायनिक चक्र करते हैं। जलमंडल कुल जल = 100% समुद्र = 97% स्वच्छ जल = 3% स्वच्छ जल का 75% हिम स्वच्छ जल का 26% भूमिगत जल स्वच्छ जल का . 3% झिल में स्वच्छ जल का जी लो .03% नदी में परिचय जैवमंडल में …

पेंक का अपरदन चक्र मॉडल

पेंक ने डेविस के समय आधारित अपरदन चक्र की आलोचना करते हुए स्थलाकृति के विकास से संबंधित भू आकृतिक विश्लेषण नामक संकल्पना का प्रतिपादन कियाा। इनका मॉडल समय स्वतंत्र भू-आकृति मॉडल हैै। इन्होंने कहा कि स्थल रूप संरचना प्रक्रम तथा अवस्था का प्रतिफल न होकर उत्थान की दर तथा अपरदन एवं पदार्थों के विस्थापन की …